जीवन में किसी भी समस्या के आने का कोई समय नहीं होता है। जरूरी नहीं है कि आपकी सेहत अच्छी है तो आपको कुछ नहीं होगा कई बार छोटी-छोटी परेशानियों से बड़ी समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। बहुत बार आपने देखा होगा कि व्यक्ति दिखने में काफी स्वस्थ होता है लेकिन अंदर ही अंदर वो कई परेशानियों से गुजर रहा होता है।

बढ़ती उम्र के साथ परेशानियाँ भी बढ़ने लगती हैं इस उम्र में जोड़ों का दर्द, घुटनों का दर्द, कमर दर्द, कंधे का दर्द काफी समस्या खड़ी कर देता है। ऐसी ही एक कहानी है लखनऊ के रहने वाले राधेश्याम जी की जिनके लिए उनके कंधे का दर्द मुसीबत बन गया था पर यूनानी के मशहूर हकीम साहब से जुड़कर उन्हें दर्द में काफी आराम मिला। आइये जानते हैं उनकी पूरी आत्मकथा के बारे में कि वह कैसे स्वस्थ हुए?
लखनऊ के रहने वाले राधेश्याम जी 72 साल के है और कमर्शियल टैक्ट डिपार्टमेंट में जॉइंट कमिश्नर के पद से रिटायर्ड हो चुके हैं। वह काफी दयालु स्वभाव के व्यक्ति हैं लोगों की मदद करना उन्हें काफी अच्छा लगता है। उनके परिवार की बता करें तो वे अपने परिवार और बच्चों के साथ लखनऊ में रहते हैं। आपको बता दें जब राधेश्याम जी नौकरी कर रहे थे उस वक्त उनकी पोस्टिंग गाजियाबाद में थी इसलिए वे वहीं रहते थे। 2011 में रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने लखनऊ में वापसी कर ली। लेकिन रिटायर्ड होने के बाद से ही उन्हें कई परेशानियों ने घेरना शुरू कर दिया। दरअसल 2011 में ही उन्हें जुकाम हुआ था जो दवाई लेने से सही तो हो गया लेकिन उसके बाद से वे जब भी कुछ खाते पीते थे तो पीछे कंधों पर करंट जैसा महसूस होता था। वहीं उनके कंधे का दर्द समय के साथ बढ़ने लगा। जिसकी वजह से राधेश्याम जी को काफी दिक्क्त होने लगी। परेशानी इतनी बढ़ गयी थी कि ना ही गर्दन सही से हिला पाते थे ना ही किसी करवट सो पाते थे। कंधे का दर्द बढ़ने की वजह से उनके रोजाना के काम भी काफी प्रभावित हो रहे थे। उन्हें परेशानी में देख उनका परिवार भी चिंतित रहने लगा कि आखिर उनके कंधो का दर्द कम कैसे होगा। कंधों के दर्द से परेशान राधेश्याम जी के लिए जीवन गुजारना भी काफी मुश्किल हो गया था उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी की वह कभी स्वस्थ हो पाएंगे पर वो कहते हैं ना कि जीवन में परेशानियों का सामना करना ही जिंदगी है और राधेश्याम जी भी अपने जीवन की परेशानियों से लड़ रहे थे उन्होंने हार नहीं मानी।
आपको बता दें हकीम जी का बहु चर्चित शो सेहत और जिंदगी राधेश्याम जी की धर्मपत्नी देखती थी उन्होंने ही राधेश्याम जी को कहा कि एक बार बात करके देखिए क्योंकि राधेश्याम जी को परेशानी काफी समय से थी। बहुत जगह दिखाने के बाद मन में निराशा तो होती है वही निराशा राधेश्याम जी के मन में थी लेकिन अपनी धर्मपत्नी के कहने पर उन्होंने बात करने की कोशिश की लेकिन फिर बात हो नहीं पाई। जिसके बाद वे अपने दोस्त आर.बी वर्मा जी की मदद से लखनऊ के कृष्णा नगर में मौजूद हकीम सुलेमान खान साहब जी के क्लीनिक पहुंचे। बता दें आर.बी वर्मा जी भी अपनी समस्या के लिए यूनानी बूटी का इस्तेमाल कर चुके हैं और उन्हें भी अपनी समस्या में इसका इस्तेमाल कर काफी राहत मिली थी। हकीम जी के क्लीनिक में डॉक्टर को उन्होंने समस्या बताई तो उन्होंने सब समझते हुए राधेश्याम जी को गोंद सियाह, S.CARE और A.CARE इस्तेमाल करने की सलाह दी। राधेश्याम जी ने बिना किसी देरी के ATIYA HERBS से इस यूनानी जड़ी बूटी को मंगवाया और इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
शुरू में तो राधेश्याम जी को असर नहीं हुआ लेकिन धीरे-धीरे जैसे-जैसे उन्हें आराम मिलना शुरू हुआ उन्हें अपने कंधों के दर्द में काफी राहत मिलनी शुरू हो गयी। वे बताते हैं कि हकीम सहाब से जुड़कर उनके जीवन की मुश्किलें काफी कम हो गयी। उन्हें भरोसा है कि हकीम जी की बूटी से वे बेहतर हो सकते हैं। राधेश्याम जी बताते हैं कि उन्हें जुकाम की समस्या रहती है जो लगभग 25 साल से है। यूनानी बूटी की मदद से उसमें भी थोड़ी राहत मिलने लगी है। समस्या अगर बढ़ी है तो बेहतर होने में थोड़ा सा वक्त लगता है लेकिन उन्हें भरोसा है कि वे जल्द ही बेहतर हो जाएंगे। वे हकीम जी से काफी प्रभावित भी हैं। राधेश्याम जी का मानना है कि मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। हकीम जी जो कर रहे हैं उससे कई लोगों की मुश्किलें कम हो रही है कई लोग सेहतमंद जीवन जी पा रहे हैं।
राधेश्याम जी अपनी सेहत को लेकर काफी जागरूक रहते हैं वे बताते हैं कि अब वे रोजाना लगभग 40 मिनट टलहते भी हैं जिसके बाद उन्हें अपने कंधे के दर्द में राहत रहती है। जैसे वह किसी की मदद से हकीम साहब से जुड़े और उनसे जुड़कर उन्हें फायदा मिला वैसे ही जिन लोगों को वे परेशानी में देखते हैं उन्हें हकीम जी के बारे में जरूर बताते हैं ताकि वह भी स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी गुजार सकें।
गोंद सियाह क्या है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रख सकता है।
असली गोंद सियाह मंगाने के दिए गए नंबर पर संपर्क करें।
011 6120 5392
- Clinic – The Herbals – Atiya Healthcare
- Address – 21B/6, Basement Near Liberty Cinema, New Rohtak Road, Karol Bagh, New Delhi-5